केंद्रीय बजट 2025 में रक्षा बजट कुल बजट का 13.44 फीसदी पहुंचा, ‘MAKE IN INDIA’ की दिखी झलक

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार 1 फरवरी 2025 को लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश किया. केंद्रीय बजट 2025 में भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए 6,81,210 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है. इस बजट से डिफेंस सेक्टर को भी काफी उम्मीदें थी. इससे पहले जो बजट आया था, उसमें डिफेंस सेक्टर के लिए कोई खास बड़ा ऐलान नहीं हुआ था. ऐसे में इस बार के डिफेंस बजट से बड़ी उम्मीद होना जाहिर ही था.
इस बार डिफेंस सेक्टर के लिए जो बजट पेश किया गया है, उसके लिए 6,81,210 करोड़ रुपये आवंटित किए गए जो पिछले साल के डिफेंस बजट 6,21,940 करोड़ से अधिक है. ये बजट अनुमानित जीडीपी का 1.91 प्रतिशत है. इसमें 9.53% की वृद्धि हुई है. रक्षा बजट कुल बजट का 13.44 फीसदी है.
कुल पूंजी परिव्यय 1,92,387 करोड़ रुपये आंका गया है. राजस्व खर्च 4,88,822 करोड़ रुपये रखा गया है, इसमें पेंशन के लिए 1,60,795 करोड़ रुपये शामिल हैं. पूंजीगत खर्च के तहत विमान और वैमानिकी इंजनों के लिए 48,614 करोड़ रुपये अलग से रखे गए हैं जबकि नौसेना बेड़े के लिए 24,390 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. अन्य उपकरणों के लिए 63,099 करोड़ रुपये की राशि अलग रखी गई है. सशस्त्र बलों के पूंजीगत बजट के तहत 1.80 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
रक्षा पेंशन के लिए आवंटन में 14% की वृद्धि
बजट में सेना के आधुनिकीकरण पर फोकस किया गया है. घरेलू उद्योगों से खरीद के लिए 1.12 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं. रक्षा पेंशन के लिए आवंटन में 14% की वृद्धि की गई है. ECHS (EX-SERVICEMEN CONTRIBUTORY HEALTH SCHEME) के लिए 8,317 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट में 12% की बढ़ोतरी की गई है. ICG के कैपिटल बजट में 43% की महत्वपूर्ण बढ़त हुई है. कैपिटल हेड के तहत बीआरओ को 7,146 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
देश का घरेलू रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा
नरेन्द्र मोदी सरकार आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा दे रही है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पीएम नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत विजन के तहत देश का घरेलू रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. पिछले 10 सालों में इसमें 174 फीसदी की वृद्धि हुई है. मंत्रालय ने कहा कि 2024-25 में 6,21,940.85 करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल करना देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की स्पष्ट प्रतिबद्धता को दर्शाता है. मंत्रालय ने कहा कि मेक इन इंडिया पहल और नीति सुधारों के माध्यम से सरकार ने घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया है. वहीं विदेशी खरीद पर निर्भरता कम की है.
रक्षा उत्पादन में पिछले 10 साल में 21 गुना की वृद्धि
मंत्रालय ने कहा कि भारत चालू वित्त वर्ष में रक्षा उत्पादन में 1.75 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल करने की राह पर है. वित्त वर्ष 2014-15 के मुकाबले वित्त वर्ष 2023-24 में रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये रहा. वर्ष 2022-23 की तुलना में रक्षा निर्यात में 32.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 2004 से 2014 तक देश का रक्षा निर्यात 4,312 करोड़ रुपये का था. मगर पिछले 10 साल में इसमें 21 गुना की वृद्धि दर्ज की गई है. 2014 से 2024 तक रक्षा निर्यात 88,319 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.
GDP के 2% से कम पर पहुंचा रक्षा बजट
GDP के 2% से कम पर पहुंचा रक्षा बजट अगर GDP के परसेंटेज के हिसाब से देखें तो 2014 में GDP का 2.5% हिस्सा रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटित किया गया था. जबकि 2024 में रक्षा बजट GDP के 2% हिस्से से भी कम 1.9% रहा. मतलब GDP के हिस्से के तौर पर रक्षा बजट में कमी आई है. वैसे बता दें 1988 में भारत GDP का 3.7% तक रक्षा पर खर्च कर रहा था. लेकिन इकोनॉमिक रिफॉर्म्स-1991 के बाद रक्षा बजट को 2-3% के तय वैश्विक पैमाने से मिलाने की कोशिश की गई. इस बीच भारत की अर्थव्यवस्था ने भी तेजी से विकास किया, जिसके चलते कम परसेंटेज के बावजूद जरूरत का पैसा आवंटित हो पाया.
2023 में दुनिया का रक्षा बजट 2,443 बिलियन डॉलर
2023 में दुनिया का रक्षा बजट 2,443 बिलियन डॉलर है. इसमें भारत की हिस्सेदारी 3.4% (83 बिलियन डॉलर) है. मतलब दस साल में दुनिया के रक्षा बजट में भारत की हिस्सेदारी 0.6% बढ़ी है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारत अब 100 से अधिक देशों को अपने रक्षा उत्पाद निर्यात कर रहा है. 2029 तक रक्षा निर्यात को बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य है. भारत अभी बुलेटप्रूफ जैकेट, डोर्नियर (Do-228) विमान, चेतक हेलीकॉप्टर, इंटरसेप्टर नौकाएं और हल्के टॉरपीडो जैसे उपकरणों का निर्यात करता है.